हमारा भारत देश दुनिया की सबसे लोकशाही और दुसरे नंबर का आबादीवाला देश है. हमारे देश की संस्कृती सभी को दया, क्षमा और शांती का संदेश देती है. और सभी देश हमारे इस संस्कृतिका गुणगान गाते है.
परंतु कहते है ना, जंगल मे जो सीधा पेड होता है, उसे ही सबसे पहले काट दिया जाता है. वैसे ही कुछ हमारे देश के साथ हुआ है. और सच यह बात है की, इस देश पर बुरी नजर बाहर के लोगोंसे अधिक, इस भूमीपर जन्म लेने वाले लोगोन्की अधिक है.
उन सभी बुरी नजारों मे से भ्रष्टाचार यह एक ऐसी कीड हमारे भारत मे जन्मी है, वह खत्म होने की नाम ही नही ले रही है, बल्की वह बढती ही जा रही है. और इसमे पुरा देश बुरी तरह कमजोर होता जा रहा है. देश के विकास के पहले लोग अपने घर के बारे मे सोचते है. इस वजह से हर एक क्षेत्र मे भ्रष्टाचार की कीड बढती जा रही है.
चपरासी से लेकर बडे बडे अफसरो, मंत्री इस भ्रष्टाचार का बडा हिस्सा है. इस वजह से सामान्य लोग बिना वजह मुस्कीलों का सामना कर रहे है. गरीब लोग भूक से तडप रहे है. किसान ख़ुदकुशी कर रहे है. महिलायें इस भ्रष्टाचार की शिकार होती जा रही है. इतना सबकुछ होणे के बावजुद, ऐसे विकृत लोग बिना किसी पर्वाह आराम से आनंद ले रहे है. उनको गरीब लोगोन्की कुछ पडी ही नही है. देश का पैसा वह ऐसे समजते है की, उसपर सिर्फ उनका ही अधिकार है.
भारत के सरकारी लोगोंके भ्रष्टाचार के वजह से आज तक इस देश की प्रगती नही हो रही है. जपान जैसा देश, दो दो परमाणु बम गिरणे के बाद भी फिनिक्ष पंछी की तरह सबसे आगे निकल चुका है. लेकीन हमारा यह देश उनसे बडा होकर भी, कल जहा था, आज भी वही पे है. और इसका मुख्य कारण है “भ्रष्टाचार”. इन सरकारी लोगोंको लगी इस गंदी आदतों के वजह से देश मे विकास हो नही पा रहा है.
भ्रष्टाचार को कैसे रोख लगा सकते है?
भ्रष्टाचार का पेड काटने के लिये हमे पहले हमारी सोच बदलनी होगी. अच्छी सोच ही हमारे देश को भ्रष्टाचार से मुक्ती दिला सकती है. इसलिये पहले हर एक व्यक्ती ने भ्रष्टाचार खुद भी नही करेंगे और दुसरों को भी नही करणे देंगे ऐसी भीष्म प्रतिज्ञा लेनी चाहिये. और उसकी कार्यवाही भी करनी चाहिये. जो भी आपको ऐसा करने के लिये मजबूर करेगा, उस पर कानुनी कार्यवाही करणे के लिये आगे बढना चाहिये. इससे लोगोंके मन मे जरूर डर पैदा होगा.
सरकारी लोगोंको ऐसा गंदा काम नही करना चाहिये, बल्की उन्हे देश के विकास के बारे मे सोचना चाहिये. लोग आपपर विश्वास रखकर देश का शासन बिना किसी संदेह आपके हात मे देते है. इसलिये आपको भी उनका आदर करना चाहिये, ना की सबकुछ मिला है, इसलिये उसपर डाका डालना चाहिये.
हमारे देश को सबसे आगे लाने के लिये पहले हमे देश को भ्रष्टाचार से मुक्ती देना जरुरी है. तभी आगे जाकर हमारा यह भारत देश एक महान और सबकी प्रेरणा बनेगा. और हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है की, भ्रष्टाचार जैसी गंदी कीड को खत्म करने मे देश को मदद करे.
निष्कर्ष
भ्रष्टाचार के लिये हम सब जिम्मेदार है. हम ही लोग है, जो अपना काम करवाना के लिये सरकारी लोगोंकों रिश्वत देते है. ओ भी लोग बेईमानी होते है. हात मे आनेवाली लक्ष्मी को इतने आसनी से वह छोडने वाले नही है. लेकीन यह सबसे गंदी बात है. इस वजह से देश का बहुत नुकसान होता है. हमे इसे रोखणा है. और देश को आर्थिक, न्यायिक और सामाजिक मुद्दोसे बचाना है. तभी हमारा देश प्रगति करेगा.