15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस हर एक भारतीयोंका यादगार दिन है. इस दिन हर एक को भारतीय होने का गौरव प्राप्त होता है. यह दिन बलिदान और स्वतंत्रता का है. जीन क्रांतिकारी लोगों ने इस स्वातंत्र संग्राम मे अपना बलिदान दिया, उनको याद करने, उनको नमन करने और श्रद्धांजली देने का है और हम सभी भारतीयोंका यह पहला कर्तव्य है.
मेरे सभी प्यारे भाई, बहनों और मेरे आदरणीय गुरुवर्य. यह एक सिर्फ भाषण नही है, जो याद करके आपको बता रहा हु. बल्की मै अपने भाषण के द्वारा उनके पराक्रम की यादे आपके सामने प्रगट करने का प्रयास कर रहा हु. मैं चाहता हूं कि आप सभी उनकी यादों को उजाला दें, एक दुसरे को सहाय्य करे, यही उन जवानो को श्रद्धांजली होगी.
मेरे प्यारे दोस्तों हमे स्वतंत्रता बहुत परिश्रम करने के बाद मिल चुकी है. इसलिये हमारे कही क्रांतीकारीयोंको जान देनी पडी थी. उनके बलिदान स्वरूप हमे आज यह दिन देखना पड रहा है. उन्होने कभी अपनी और अपने परिवार की पर्वा न करते हुये अपना सबकुछ अपनी भारत मां के लिये जान नुछावर करते रहे. उनके इस बलदिन की हमे पर्वा करनी चाहिये. उन्होने हमे आझाद भारत दिया है और इस आझाद भारत की आज हमे सेवा करनी है. इस भारत को सुझलाम सुफलाम करने के लिये हर एक व्यक्ती ने आगे बढना चाहिये. इस देश को गांधीजीन्के विचार पर सत्य, अहिंसा, प्रेम और विश्वास से विश्व मे विकसित और आदर्श बनाना है.
15 अगस्त स्वतंत्रता दिनपर भाषण
150 वर्ष पूर्व अंग्रेजों ने भारत पर कब्ज़ा कर लिया. अपने हुकमत से उन्होने हमारे लोगोन्के उपर बहुत अन्याय किया था. हमारे धार्मिक परंपराओंको ठेस पहूछाया था. हमारे अधिकार को पैरो तले चीत किया था. जैसे तोते को पिंजरे मे कैद करते है वैसे, ही उन्होने हमे 150 साल तक पिंजरे मे कैद किया था. लेकीन कहते है ना.. अंधकार के बाद रोशनी ही जन्म लेती है, वैसे ही हमारे क्रांतीकारीयोंने रोशनी की मशाल हात मे लेकर, अपनी पुरी शक्ती से लढकर इस भारत मां को आझाद किया.
आझाद भारत के शूर जवानों |
प्रणाम करते है हम दोन्ही दंडवत से |
यह भारत आपका है|
करेंगे हम इसकी सुरक्षा हमारे प्राणोसे उपर |
हम चलेंगे आपके राह पर |
दुश्मनोंके बुरी नजरो से बचायंगे आपके भारत मां को |
कविताओंकी पंक्तीया पढने मे कितना आनंद होता है. लेकिन आपको मै बता दु की, यह आझादी हमे कही लोगोंके बलिदान के बाद मिल चुकी है. इनमे चंद्रशेखर आझाद, भगत सिंग, राजगुरू, सुखदेव, नेताजी सुभास चंद्र बोस और कही लोगोंने अपना बलिदान दिया था. इनमे महिलाऐं भी पुरोषों से कम नही थी. पुरुषों के साथ महिलाएं भी कंधे से कंधा मिलाकर पुरुषों का साथ दे रही थीं. कही छोटे बच्चें भी आपका सहयोग दे रहे थे.
इस देश को आझाद करने के लिये सभी धर्मों के लोग एक साथ हुये थे और उन्होने कसम खायी थी की, जब तक हमारी भारत मां को आझादी नही मिलती, तब तक चैन की सांस नही लेंगे और उन्होने ऐसा ही किया. तब जाकर इस जननी को आझादी मिल चुकी. हमे गर्व होना चाहिये की, हम इस भारत भूमी का हिस्सा है, जो ऐसे दासत्व इतिहास से हम मुक्त हो चुके है. हमे अच्छे संस्कार हमारे परिवार से ही नही, बल्की साथ ही हमारे इस ऐतिहासिक लोगोंसे भी मिलती है. जो हमे समय समय पर उनके विचार मार्गदर्शन करते है.
15 अगस्त की सुबह हमारे सभी भारतीयोंकी सुनहरी सुबह थी. ऐसी सुबह नसीब वालोंको ही मिलती है. इस वक्त सभी लोगोंके आंखो मे ख़ुशी के आसू थे. एक दुसरे से सारी शत्रुता भुलकर गले लग रहे थे. आझादी की ख़ुशी कही ख़ुशीयों से अधिक होती है. जैसे तोता पिंजरे से मुक्त होकर आकाश मे भरारी मारने के लिये मुक्त होता है, वैसे ही लोग अपनी आझादी का जश्न मना रहे थे. उनकी यह ख़ुशी किसी से बया नही कर सकते है.
इस धर्मनिरपेक्ष देश का निर्माण बहुत ही काठीणाई के बाद 15 अगस्त 1947 को हुआ. इस आझाद देश ने सभी धर्म के लोगोंको साथ लिया. सभी को समान अधिकार दिये. कोही बडा नही, कोही छोटा नही. सभी समान है. ऐसी हमारे देश की संस्कृती कहती है. और हमे गर्व है की, हम इस भूमी की संतान है.
हमारे झंडे पर तीन कलर है. एक है लाल, दुसरा है सफेद और तिसरा है हरा. यह तीनों कलर हमारे आझाद भारत के गुणों का प्रतिनिधित्व करते है. लाल रंग हमे दर्शाता है की, जीन्होने इस भूमी को आझाद करने के लिये अपना बलिदान दिया, अपना खून बहा दिया. उस खून का रंग लाल होता है. इसलिये हमारे झंडे के उपर पहला रंग लाल है. दुसरा है सफेद, सफेद रंग हमे शांती का संदेश देता है. हमारा भारत हमेशा शांती का दूत रहा है. हमारी संस्कृति सत्य, अहिंसा और विश्वास की शिक्षा देती है. बिना वजह खून बहा देना हमारे संस्कृति के विरुद्ध है. इसलिये झंडे के बीच सफेद रंग अपना गुण दर्शाता है. और तिसरा रंग है हरा, हरा रंग हमे भारत देश को पेड पौधों और हरयाली से संपन्न करने का प्रतिक है. हमारी भूमी किसानों की भूमी है और हम चाहते है की, यह भी हरयाली से भर जाये. सारे लोग संपन्न जीवन जिये. जहा देखो हमारी भूमी हरी भरी हो.
मेरे अंतिम शब्दो मे मै सभी भारत वासियोंको कहना चाहुंगा की, हमारे जवानोने हमे आझाद भारत सपुर्द किया है. लेकीन अभी हमारी जिम्मेदारी है की, इस भारत को हम विश्व मे आदर्श देश बनाना है. सभी देश हमारे देश का गुणगान करे. हमारी संस्कृति का आदर करे. उनको हमसे अच्छा संदेश मिले. हमारे देश मे आज तक बहुत खून बहा है, लेकीन हम अभी हमारे देश को अहिंसा के मार्ग पर लेकर, समृद्ध भारत बनाने की कसम खानी है. देश को साफ सुतरा और हेल्दी बनाने हम सभी ने आगे बढना है. बदमाशी, दहशत गर्दी, रिश्वत का यहा नाम भी नही होना चाहिये. हमारे देश को सुजलाम सुफलाम करने की हर एक भारतीयोंने कसम खानी है.
सभी मनुष्य समान है. सभी का खून का रंग एक ही है. ईश्वर को धर्म के नाम पर न बाटकर, ईश्वर एक ही है, बस लोग उसका नाम अलग अलग लेते है. प्यार से खुसिया आती है और दुष्मनी से हानी होती है और आज तक का एतिहास साक्षी है की, बुराई के रास्ते पर जानेवाले लोगोंका भयानक अंत ही हुआ है. हमे पीछले एतिहास से सिख लेनी चाहिये.
उन जवानों का बलिदान तभी यादगार होगा, जब हम हमारे भारत को सुजलाम सुफलाम करेंगे. उनके अच्छे विचारोंको समाज मे प्रवाहित करेंगे. उनके इस आझाद भारत की सुरक्षा हम अंतिम साँस तक करते रहेंगे. ऐसी शाश्वती उनके देंगे. तभी यह 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस यादगार होगा……………….जय हिंद …….जय भारत
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