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अच्छे कर्म का फल अच्छा और बुरे कर्म का फल बुरा होता है ( मोरल स्टोरीज )

छोटे बच्चों को ये मोरल स्टोरी जरूर सिखायेगी, कि अच्छे कर्म का फल अच्छा और बुरे कर्म का फल बुरा होता है. ये स्टोरी जरूर अपने बच्चों को सुनाऐं.

ये कथा है, एक साधू और दो कौवे की. जंगल मे एक साधू अपनी कुटीया बनाके रहता था. पास मे एक मंदिर था. इस मदिर मे साधू साफ सफाई, देखरेख का काम करता था. साथ ही ये साधू बडा विद्वान था.

साधू जिस मदिर मे काम करता था, उस मंदिर के पास एक बडा पेड था. उस पेड पर दो कौवे रहते थे. एक का नाम था बकू और दुसरे का काकू. इन दोनों मे बकू बहुत मेहनती और इमानदार था. लेकीन काकू बहुत आलसी और परिश्रमहीन था. इतना होणे के बावजुद बकू उसे कुछ नही कहता था. साधू जब खाना खाने बैठता था, तब जरूर वह दोनों को खाना खिलाता था. इस वजह से वह दोनों साधू को कभी छोडके नही जाते थे.

एक दिन अचानक साधू की तबियत खराब हुई. इस वजह से वह भोजन नही बना पा रहा था. भोजन न मिलने से साधू की तबियत और खराब होणे लागी. बकु को साधू की हालत देखकर बहुत बुरा लगा. उसने साधू की मदद करने की सोचा. यह बात वह काकू से कहता है. काकू भी तयार हुआ. बकु ने कहा, “हम एक एक करके साधू को भोजन लाकर देंगे.” इस पर काकू ने कहां,” आज तुम भोजन लेकर देणा, मै यहा साधू की देखभाल करता हु.”
बकु ने ठीक कहा. बकु साधू को भोजन लाने के लिये चला गया.

यहा काकू साधू की देखभाल छोडकर, मौज मस्ती करने के लिये बाहर चला गया.
बकु बहुत मेहनती था. वह एक कुम्हार के पास चला गया और खाने के बदले मे उसके मिट्टी के बर्तन की शरारती बचों से देखभाल करने लगा. काम होणे के बाद कुम्हार बकु को भोजन देता है. बकु वह भोजन साधू के पास लेकर आता है. साधू वह भोजन खा लेता है. साधू को बहुत अच्छा लगा. काकू अभी तक इधर उधर भटक रहा था.
ऐसे बकू तबतक करता रहा, जबतक साधू की तबियत अच्छी नही होती है. काकू सिर्फ इधर उधर भटकणे के काम करता था. उसे किसी की मदद करने जरा सी भी इच्छा नही थी.

कुछ दिन के बाद साधू की तबियत अच्छी हुई. अब वह सब काम करने लगे थे. भोजन भी वह स्वयं करने लगे. बकु का अपने उपर प्रेम और मेहनत देखकर साधू बकू पर खुश हुये. उन्होने बकू को पास लिया. उसके सिर पर अपना हाथ रखा और उसे ये वरदान दिया की, तुमे आज से लोग भारद्वाज कहेंगे. तुम्हारा रंग अब से काला नही बल्की भुरे रंग होगा. तुमे देखकर लोगोंका दिन शुभ जायेगा. वही साथ खडा काकू भी साधू को कहने लगा,” मुझे क्या देंगे आप? ‘ इस पर साधू उसे कहते है.” तुम सिर्फ दिन भर काव काव करता भटक रहा था, तो आज से तुम हमेशा काव काव करते रहेगा. लोग तुमसे दुरी रखेंगे.

दोस्तो आपने देखा होगा, कौवा हमेशा काव काव करते रहता है. और उसको देखकर लोग उससे दूर भागते है. उसके छुने से लोग अशुभ मानते है.

ये मोरल स्टोरी आपको ये सिखाती है की, जीवन मे अच्छा कर्म करोगे तो अच्छा फल मिलेगा और बुरा करोगे तो बुरा. दोस्तों.. मन मे कभी बुरा करने का सोचा, तब इस कहानी को हमेशा आप याद रखना.

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